दिल्ली गैंगरेप - Geng Rape of delhi
दिल्ली गैंगरेप: 'सुसाइड वॉच' पर हैं पांचों आरोपी
जागरण – ४७ मिनट पहले
नई दिल्ली। फिजियोथेरेपिस्ट युवती से सामूहिक दुष्कर्म
मामले में गिरफ्तार पांचों दरिंदों को तिहाड़ जेल में अन्य कैदियों से अलग बैरक में
रखा गया है। पिछले कुछ दिनों से उन्होंने आपस में और दूसरे कैदियों से बातचीत करना
बंद कर दिया है। एक जेल अधिकारी ने बताया कि ऐसी परिस्थिति में आरोपी कहीं खुदकुशी
का प्रयास न करें, इसलिए उन पर लगातार
नजर रखी जा रही है।
अधिकारी ने बताया
कि आरोपी गुमसुम से दिख रहे हैं। वे खुद को चोट पहुंचाने जैसी हरकते कर सकते हैं।
पर सुरक्षाकर्मी किसी भी अनहोनी से बचने के लिए सतर्कता बरत रहे हैं। उन्होंने
बताया कि पांचों आरोपियों को जेल में किसी प्रकार का खतरा नहीं है। अन्य कैदियों
से उन्हें कोई धमकी नहीं मिली है। पांचों जेल के दूसरे कैदियों से बातचीत करने में
कोई रुचि नहीं दिखाते हैं। मामले का छठा आरोपी नाबालिग होने के चलते बाल सुधारगृह
में बंद है। बाल अदालत में उसकी सुनवाई चल रही है।
सूत्रों की मानें
तो दिल्ली गैंगरेप मामले में छठे आरोपी को भले ही नाबालिग बताया जा रहा हो, लेकिन उस मासूम लड़की की इज्जत तार-तार करने का मनहूस ख्याल
सबसे पहले इसी लड़के के दिमाग में आया था। अब वह खुद को नाबालिग बताने और इसे सच
साबित करने में लगा है ताकि इसका फायदा सिर्फ तीन वर्ष की सजा पाकर हो। कानून के
मुताबिक किसी नाबालिग को इससे अधिक की सजा नहीं दी जा सकती है। लेकिन इसका अपराध
इतना जघन्य है कि जिसके बाद इसको कहीं से भी नाबालिग नहीं कहा जा सकता है। इस
मामले में अब पुलिस नाबालिग को भी कड़ी सजा दिलवाने और अन्य आरोपियों के साथ ही
उसकी भी सुनवाई करवाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की कोशिश कर रही
है।
दिल्ली गैंगरेप का
सूत्रधार यह नाबालिग इंसान किस कदर हैवान हो सकता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया
जा सकता है कि इसने ही मेडिकल छात्रा और उसके पुरुष मित्र अपनी बस में यह कहते हुए
चढ़ाया था कि बस द्वारका जा रही है और वह उसे वहां छोड़ देंगे। इसके बाद अपने को
नाबालिग बताने वाले ने उसके साथ दो बार रेप किया। बाद में युवती से रेप करने और
उसको मरणासन्न स्थिति में पहुंचाने के बाद उन दोनों को फेंक देने की सलाह भी इसी
नाबालिग ने ही दी थी। इस बात की तसदीक खुद युवती के पुरुष मित्र ने अपने इकबालिया
बयान में भी की है।
पुलिस की जांच में
यह बात पहले ही सामने आ चुकी है कि इस नाबालिग ने मेडिकल की छात्रा के साथ दो बार
रेप किया था। एक बार तब जब वह होश में थी और सभी आरोपियों की गिरफ्त में थी। इसके
बाद एक बार तब उसने रेप किया जब युवती बुरी तरह से पिटाई के बाद बेहोश हो गई थी।
यह आरोपी उस वक्त भी पीछे नहीं हटा जब युवती के शरीर को रॉड से खोखला कर दिया गया।
उसकी इस दरिंदगी की जानकारी खुद युवती के पुरुष मित्र ने पुलिस को दी है।
नाबालिग कहलाने
वाले इसी दरिंदे ने युवती और उसके पुरुष मित्र को चलती बस से नग्न अवस्था में बाहर
फेंकने की सलाह भी दी थी। अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती युवती के पुरुष मित्र
ने उसकी हैवानियत की जानकारी देते हुए कहा था कि लड़की के साथ नंगा नाच करने के बाद
इस लड़के ने ही कहा था कि लड़की मर गई है बाहर फेंक दो। इस लड़के की दरिंदगी को
नाबालिग कहकर कम नहीं किया जा सकता है। ऐसी ही आवाज पूरे भारत में उठ रही है। भारत
में अलग अलग जगहों पर हो रहे प्रदर्शनों के जरिए सभी लोग यह मांग कर रहे हैं कि इस
छठे नाबालिग आरोपी पर भी हत्या का मुकदमा चले और सभी के साथ इसको भी फांसी की सजा
दी जाए। लोगों का कहना है कि जुवेनाइल कोर्ट से मिलने वाली महज तीन साल की सजा इस
मामले में एक भद्दा मजाक होगा। तीन साल के बाद हमारे समाज के बीच इस घटना से जुड़ा
एक दरिंदा खुली हवा में सांस लेने के लिए बाहर आ जाएगा और मुमकिन है कि दोबारा इस
तरह की घटना को अंजाम देने के लिए वह खुद को तैयार कर लेगा।
गैंगरेप की भेंट
चढ़ी युवती को इंसाफ दिलाने में जुटे लोगों का कहना है कि अब सरकार के पास मौका है
कि वह एक नजीर पेश करे जिससे दोबारा इस तरह का वाक्या पेश ही न आ सके। गौरतलब है
कि इस मामले में पुलिस ने गुरुवार को साकेत जिला कोर्ट में चार्जशीट पेश की है।
लेकिन इसमें इस छठे आरोपी को नाबालिग मानते हुए शामिल नहीं किया गया है। लिहाजा
इसका मामला जुवेनाइल कोर्ट में चलाया जाएगा। इस मामले में अभी पुलिस को नाबालिग के
बॉन टेस्ट रिपोर्ट का भी इंतजार है।